Sunday 12 April 2020

बेहतर होता की तुम भी देश की आवाज होते

ये कविता अक्षर अक्षर सही है, ये कविता भारत के वर्त्तमान हालत को दर्शाता है, भारत अभी बहुत हिन् दयनीय स्थिति से गुजर रहा है क्यों की अभी के हालत में दुनिया का सिर्फ एक हिन् दुश्मन है और वो है "कोरोना वायरस" लेकिन भारत के सामने २ दुश्मन है, पहला तो वो जो पूरी दुनिया का दुश्मन है "कोरोना वायरस" और दूसरा एक इस्लामिक विचारधारा जो इस खतरनाक विचारधारा से भी ज्यादा खतरनाक है, भारत के कुछ मुल्लाओं का इस्लाम ये चाहता है की भारत के पचास लाख से ज्यादा हिन्दू कोरोना वायरस के चपेट में आकर मर जाए जिससे हिन्दुओं की आबादी बहुत काम हो जाएगी और मुस्लिम जिहादी उनपर हावी हो जायेंगे, जिससे भारत के धर्मनिरपेक्ष पर वार करके इस्लामीकरण करना आसान हो जायेगा, और ऐसी वजह से भारत में अभी तबाही मचा हुआ है, भारत में हर जगह प्रशासन के निर्देशों का उल्लंघन हो रहा है, सर्कार के हर प्रकार के बनाये नियमो को ये तोड़ रहे है, सामाजिक दूरी के लिए बिलकुल भी सावधानी नहीं बरतते है और मासचिदों में भारी मात्रा में जमा होकर नवाज पढ़ते है, मुल्ला मौलाना का जो अल्लाह के सबसे करीबी माने जाते है और उनका जानकारी इतना बेहतर है की वो कोरोना से डायरेक्ट बात कर चुके है और कोरोना ने अपना सारा मंशा भी इन्हे बता दिया है, और ये मौलाना सभी मुसलमानो को कोरोना से संक्रमित कर डाला है और उन्हें हर जगह घूम घूम कर सभी जगह को थूक थूक कर, पेशाब को बोतल में भर भर के फेंक फेंक कर, फल सब्जियों को चाट चाट कर लोगों को संक्रमित करने में लग गया है, हजारों हजार ऐसे मुस्लिम भारत में पुलिस के द्वारा पकड़ा गया, मौलाना साद मरकज के मुखिया, निजामुद्दीन दिल्ली से, जिसने भारत में कोहराम मचा दिया, भारत में १ समय में तो बिलकुल भी कोई समयसा नहीं था इस वायरस से, मार्च महीने २०२० के अंत में लगाया हुआ लोखड़ौन अप्रैल में ख़तम होने हिन् वाला था और संक्रमण का संख्या नगण्य के बराबर था लेकिन जमातियों ने और ऐसे कुटिल सोच वाले धर्म ने कुछ हिन् दिन में संख्या हजारो के पार कर दिया, और भारत के लिए एक भरी मुसीबत बना दिया, और सर्कार lockdown  को बढ़ता चला गया, कोई भी देश किसी बीमारी से या प्रत्यक्ष दुश्मन से कभी भी लड़ सकता है और उससे लड़ना बहुत हिन् आसान है लेकिन जो दुश्मन एक ख़ास विचारधारा में बस्ता है और जो देश के अभिन्न अंग बनकर समाज में पूरी तरह से घुल मिल कर षड़यंत्र रचता रहता है और देश में आतंक फैलता है उससे लड़ना बहुत मुश्किल है, मैं दुनिया के उस सभी प्रकार के देश को ये निर्देश देना चाहता हूँ की आप अपने देश में देश विरोधी तत्वों को जल्दी से पहचान लें और उनका जड़ मूल के साथ खत्म कर दें क्योंकि ऐसे लोग बहुत बहुत ज्यादा खतरनाक है, दुनिया के बहुत सारे देश ने इस्लाम को अपने यहाँ से एक सीमा में बंद कर दिया है जैसे चीन और म्यांमार, हम सभी लोगों के बहुत अच्छे तरीके से मालूम है की ईरान के असली सभ्यता को इस्लाम ने खा लिया, और फारस साम्राझ ख़तम हो गया, इजराइल को इस्लाम मिटने हिन् वाला था की उसने तलवार उठा लिया और सबके खिलाफ आवाज उठा लिया तभी उसका वजूद है अभी, ऐसे इस्लामी कट्टरपंथी भारत में अब अपना जड़ जमा रहा है, हम सभी को ऐसे कट्टरपंथी मानसिकता और विचारधारा को ख़तम करने होगा, मुझे मालूम है की सभी मुसलमान एक जैसे नहीं है, कुछ ४० प्रतिशत लोग हिन् ऐसे खून के पिशाच है लेकिन जो अच्छे मुस्लिम है वो इनके खिलाफ नहीं बोलते और ऐसे कट्टरपंथी लोगों को शरण देते है समर्थन करते है, भारत में ज्यादातर मुस्लिम सेलिब्रिटीज को भारत असहनशील तब दिखने लगता है जब इस्लाम पर होता कुछ परिवर्तन नजर आता है, लेकिन हजारों आतंकवादी हमला ( जो की इस्लाम के द्वारा किया जाता है) नहीं दीखता है और १ शब्द भी नहीं बोलता ( मतलब ये चुप होकर इनका समर्थन करते है) और जब किसी आतंकवादी ( जैसे की अफजल गुरु, कसाब, बिनलादेन, हफीज सईद इत्यादि ) पर कुछ करवाई होता है तो ये लोग रोड पर उतर आते है, मतलब साथ है की इस्लामी कट्टरपंथ को एक बढ़िया परिवेश देना फैलने फूलने का, और इस काम में भारत के बहुत सारे भरष्ट हिन्दू भी इनका साथ देते है जैसे ( अरविन्द केजरीवाल, अखिलेश यादव, नवजोत सिंह सिद्धू इत्यादि) ये वो लोग है जो एक हिन्दू या गैर इस्लामी होकर भी एक परिवेश बनाते है कट्टरपंथ को बढ़ाने... नवजोत सिंह सिद्धू का पाकिस्तान प्रेम तो जग जाहिर है, अरविन्द केजरीवाल का दिल्ली दंगा से पहले शाहीन बाघ प्रेम ( गैर संवैधानिक प्रदर्शन) और दिल्ली के दंगा में चुप्पी ( जिसमे की दिल्ली के मुसलमानों ने तबाही मचा दिया था), उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव ने हमेशा ऐसे कट्टरपंथी विचारधारा को समर्थन दिया और कभी भी इनके खिलाफ कोई मुहीम नहीं चलाया, आजम खान ने मुजफ्फर नगर दंगे में एक अहम् रोले निभाते हुए  हजारों घर को उजर दिया, अब जाकर योगी के सर्कार में निष्पक्ष जांच जुआ तो आजम खान परिवार समेत सैकड़ों मुक़दमे को लेकर जेल का हवा खा रहा है, इतना बड़ा क्रिमिनल समाजवादी पार्टी में फल फूल रहा था और अपने साथ कट्टरपंथ को बढ़ावा दे रहा था. पूरी दुनिया अब इस विशेष कट्टरपंथ को बहुत बढ़िया से पहचान रहा है और उसके लिए कुछ ना कुछ बेहतर सोच रहा है, ६३२ ईश्वी में जब इस्लाम का स्थापना हुआ तो तलवार के दम पर खून खराबा करके ऐसे बहुत बढ़ा लिया गया लेकिन अब समय अलग है, और जमाना बहुत हिन् विकसित है, लोगों की सोच बहुत हिन् उच्च स्तर का हो चुका है, ऐसे में भरी मात्रा में लोक नास्तिक हो रहे है, और कोई भी किसी का दबाब नहीं बर्दास्त कर पाता है,  इस्लामिक आतंक पहले भरी मात्रा में जान माल का नुकसान करता था लेकिन अब सेना के पास अत्याधुनिक हथियार होने के वजह से इन सभी जानवरों का कायदे से सफाया हो जाता है, इसिलए इस्लाम के इस कट्टर विचारधारा का बहुत जल्द हिन् सामूहिक हनन हो जायेगा, और मुझे पूरे विश्वाश है की जिस रफ़्तार से  बढ़ा है दुनिया में उसी रफ़्तार से ये घट भी जायेगा, क्योंकि किसी का है लेकर कोई भी ज्यादा दिन तक टिक नहीं सकता है, इसीलिए इस अन्यान का एक दिन अंत जरूर होगा

बेहतर होता की तुम भी देश की आवाज होते,
बेहतर होता की तुम भारत के हाथ होते,
तुझमे भी बहुत है भारत के चहिते-2
काश तुम भी अब्दुल कलम और अब्दुल हमीद होते,

क्या मिलेगा तुझे गैर इस्लाम का गाला घोंटकर,
क्या हासिल होगा आखिर तुझे खून बहकर,
जरा सा भी अगर लज्जा आती है तुझे तो झाँक अपने भीतर,
तेरे राग राग में हिंदुस्तान है जो तलवार के डैम पर सालों पहले बदले गए थे...

अगर तू हिंदुस्तान और पाकिस्तान का है, 
तो तेरे पूर्वज एक हिन्दू हिन् है,
मालूम है तुझे भी ये सच्चाई लेकिन कबूल नहीं,
मई तुझे कैसा बेगैरत इंसान समझूँ जो अपने जार को भूल गया,
तू एक राजपूत था तू अरबियों ने बाइज्जत करने के लिए तेरी मूंछें काट दी,
और तू उसे इस्लाम का फैशन बोलता है... इतना गिरा है तू की अपने बेइज्जती को भी स्वाभिमान समझता है...




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